शब्द, ध्वनि और दृष्य में अपने समय में सृजनषील ग्यारह प्रमुख रचनाकारों से संवाद संकलित हैं, जिनका सम्पादन किया है संतोष चौबे ने। यह पुस्तक वस्तुतः वनमाली कथासम्मान के अवसर पर आयोजित विभिन्न वैचारिक संगोष्ठियों का दस्तावेजीकरण है, जिनमें रवीन्द्र कालिया, ममता कालिया, चित्रा मुद्गल, धनंजय वर्मा, मंगलेष डबराल, नरेष सक्सेना, राजेष जोषी, विभूति नारायण राय, संतोष चौबे, लीलाधर मंडलोई तथा भगवानदास मोरवाल से मुकेष वर्मा, महेन्द्र गगन, शषांक, संतोष चौबे, बलराम गुमास्ता, अरुणेष शुक्ल, विनय उपाध्याय, प्रदीप जिलवाने, मोहन सगोरिया, उर्मिला षिरीष, रेखा कस्तवार जैसे रचनाकारों ने बातचीत की है।